Thursday, February 26, 2015

क्या हीरा जहरीला होता है और इसे खाने से मृत्यु हो जाती है ?


                                   हीरा जहरीला नहीं होता है, और इसे चाटने से मृत्यु नहीं होती है लेकिन यदि हीरे को निगल लिया जाए तो मौत हो जाती है। इसका कारण यह है कि हीरे में अनेक Face या फलक होते हैं। और चूंकि हीरा सबसे अधिक कठोर वस्तु होता है इस कारण से इसके फलक हमारे आहार नाल को काटते हुए आगे बढ़ते हैं ज्यों-ज्यों हीरा आहार नाल में आगे बढ़ता है हीरा आहार नाल को काटते जाता है। आहार नाल के कट जाने के कारण Internal Bleeding आंतरिक रक्तस्राव होने लगती है और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

Sunday, February 22, 2015

तेज धूप में खड़े रहने के बाद जब हम कमरे में जाते हैं तो हमें कुछ दिखाई क्यों नहीं देता है ?


                          तेज धूप में या अधिक प्रकाश में हमारी आँख की पुतली का आयरिश पेशियों (Muscles) के द्वारा व्यास कम हो जाता है। जिससे बहुत अधिक तेज प्रकाश आँख में प्रवेश न कर सके (कैमरे में यही कार्य शटर द्वारा किया जाता है) जब हम तेज धूप में खड़े रहने के पश्चात कमरे में जाते हैं, तो पुतली (Pupil) के फैलने से पुन: अधिक प्रकाश आँख में जा सकता है, किंतु पुतली के फैलने एवं सिकुड़ने में कुछ समय लगता है। अत: तेज धूप से कमरे में जाने पर कुछ समय तक बहुत कम प्रकाश आँख में पहुंच पाने के कारण कुछ दिखाई नहीं देता है।

Saturday, February 21, 2015

हमारे हाथों में उभरी हुई नसें जिनमें खून बहता है। वे बाहर से नीली या हरी क्यों दिखाई देती हैं ?


                               रक्त में हिमोग्लोबिन नामक लाल पदार्थ होता है। इसकी विशेषता यह है कि कार्बन डाइऑक्साइड एवं ऑक्सीजन दोनों के साथ प्रति वतर्यता (Reversibly) से जुड़ सकता है। हिमोग्लोबिन जब शरीर के ऊतकों से कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करता है, वह कार्बोक्सी हिमोग्लोबिन कहलाता है। कार्बोक्सी हिमोग्लोबिन वाला रक्त अशुद्ध होता है जो शिराओं से होकर फेफड़ों में श्वांस लेने की प्रक्रिया में हीमोग्लोबिन कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़कर शुद्ध ऑक्सीजन ग्रहण करता है। यह शुद्ध रक्त धमनियों द्वारा कोशिकाओं तक पहुंचता है। अशुद्ध रक्त का रंग नील लोहित या बैंगनी होता है। शिराओं की भित्तियां पतली होती हैं और ये त्वचा के ठीक नीचे होती हैं। इसीलिए ऊपर से शिराओं को देखना आसान होता है। अशुद्ध नील लोहित रंग के रक्त के कारण शिराएं हमें नीले रंग की दिखाई देती हैं। शिराओं की तुलना में धमनियों की भित्ति अधिक मोटी होती है और काफी गहराई में स्थित होती है। इस कारण लाल रक्त प्रवाहित होने वाली धमनी हमें दिखाई नहीं देती है।

Wednesday, February 4, 2015

टाईफाइड क्यों होता है ?

               
                             टाइफाइड एक तरह के जीवाणु से फैलता है। आयुर्विज्ञान की भाषा में इसे बैसिलस सेलमोनेला टायफोसा कहा जाता है। यह एक भयानक संक्रामक रोग है। बहुत पहले हजारों लोग इस महामारी से काल कलवित हो जाते थे, लेकिन अब चिकित्सा विज्ञान के विकास से इस पर काबू पा लिया गया है।
                             यह गंदे भोजन या गंदे पानी के साथ शरीर में प्रवेश करके खून तक पहुंच जाता है। यह खून को प्रभावित करके पूरी रक्त व्यवस्था को दूषित कर देता है। इस बीमारी में बुखार, खांसी, खाल का उधड़ना, तिल्ली का बढ़ जाना और श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी हो जाना आदि होता है। इस बीमारी में भूख भी कम लगती है और लगातार बुखार रहता है।
                               टाइफाइड के जीवाणु पकने से पहले भोजन सामग्री में भी वाहक द्वारा पंहुच सकते हैं। मक्खियां भी इन जीवाणुओं को इधर से उधर पहुंचाती हैं। टाइफाइड की बीमारी ठीक हो जाने के बाद भी शरीर में ये जीवाणु बचे रह जाते हैं। टाइफाइड की जांच के लिए विडेल टेस्ट किया जाता है। इसमें खून की जांच की जाती है।