Sunday, June 28, 2015

लोग गंजे क्यों होते हैं ?


उत्तर -  
मनुष्य में गंजापन विकिरण तथा थायरॉयड ग्रन्थि की अनियमितताओं के कारण भी हो सकता है और आनुवांशिक भी। आनुवांशिक गंजापन एक ऑटोसोमल एलील जीन जोड़ी (Bb) पर निर्भर करता है। होमोजाइगस प्रबल जीन रूप (BB) होने पर गंजापन पुरुषों तथा स्त्रियों दोनों में विकसित होता है लेकिन हिटरोजाइगस (Bb) होने पर ये स्त्रियों में न होकर केवल पुरुषों में विकसित होता है।

Thursday, June 25, 2015

पशुओं के बाल उम्र बढ़ने पर सफेद क्यों नहीं होते ?


                               बालों के काले रंग के लिए मुख्यत: मिलेनिन नामक पदार्थ उत्तरदायी होता है। पशुओं में मिलेनिन और इसे उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं की मात्रा काफी अधिक होती है। अत: पशुओं में बाल जन्म के समय वाले ही रंग के बने रहते हैं। मिलेनिन की अधिक मात्रा ही बालों को सफेद होने से रोकती है।

Tuesday, June 23, 2015

करेंट लगने से मनुष्य की मृत्यु क्यों हो जाती है ?


हम जानते हैं कि मनुष्य का शरीर विद्युत सुचालक होता है। विद्युत सुचालक तथा सजीव होने के कारण मनुष्य के शरीर में (निश्चित गति) से इलेक्ट्रानों का प्रवाह होता है। जब मनुष्य को करेंट लगता है तो इन इलेक्ट्रानों की गति तीव्र हो जाती है और मनुष्य का तंत्रिका तंत्र कार्य करना बन्द कर देता है जिससे जैविक क्रियाएं ठप हो जाती है और मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।

Tuesday, June 16, 2015

वायुमंडल में ताप संतुलन (Heat Balance of the Atmosphere) क्या है ?


                      पृथ्वी को अधिकांश ऊष्मा (Heat) सूर्य से विकीर्ण ताप द्वारा प्राप्त होती है। सूर्य से विकीर्ण ताप लघु तरंगों ( Short Waves) द्वारा पृथ्वी को प्राप्त होता है। वायुमंडल सूर्य से विकीर्ण ऊर्जा (Energy) का केवल 14 प्रतिशत प्रत्यक्ष रूप में प्राप्त करता है। वायुमंडल को अधिकांश ताप की प्राप्ति (अप्रत्यक्ष रूप से), पृथ्वी से विकीर्ण ऊर्जा द्वारा प्राप्त होती है, जो कि दीर्घ तरंगों (Long Waves) के रूप में होती है। इस प्रकार पृथ्वी एवं वायुमंडल निरंतर सूर्य से ऊष्मा प्राप्त करते हैं। लेकिन यह उल्लेखनीय है कि फिर भी पृथ्वी तथा वायुमंडल का ऊष्मा भंडार बढ़ता या घटता नहीं, बल्कि सदैव संतुलित रहता है कि इसका तात्पर्य है कि पृथ्वी तथा वायुमंडल जितना ताप प्राप्त करते हैं, उतना ही शून्य में लौट जाता है।

Tuesday, June 9, 2015

कुछ जानवरों की आँखें रात में क्यों चमकती हैं ?

                                     
                                   जिन जानवरों की आँखें रात में चमकते हैं, उनके आँखों में रक्तपटल (Choroid) में दृष्टि पटल (Retina) के ठीक बाहर की ओर सिल्वर के समान चमकते हुए संयोगी ऊत्तक अथवा अन्य रंगीन पदार्थ के कणों की एक विशेष पतली पर्त होती है जिसे टेपीटम लूसीडम कहते हैं। यह पर्त परावर्ती (Reflecting) होने के कारण इस पर पड़ता है तो परावर्तित हो जाता है जिसके कारण से इन जानवरों की आँखें चमकती हैं एवं इन्हें कम रोशनी में भी दिखाई पड़ता है।