Sunday, March 29, 2015

पीलिया रोग (Jaundice) क्यों उत्पन्न होता है ?


                                  पित्ताशय से पित्तवाहिनी में पित्त का मार्ग अवरुद्ध हो जाने पर यकृत कोशाएं रक्त से बाइलीरुबिन (Bilirubin) पित्त रंग को ग्रहण करना बंद कर देती है। अत: पीला पित्त रंग बाइलीरुबिन रक्त में ही रहकर पूरे शरीर में फैल जाता है। जिससे त्वचा एवं आँखों का रंग पीला पड़ जाता है और मूत्र पीला-हरा सा एवं मल भूरा हो जाता है। इसी को पीलिया रोग ( Jaundice) कहते हैं।

Wednesday, March 25, 2015

जब सोडा वाटर की बोतल को खोलते हैं, तो तेजी से झाग क्यों उत्पन्न होते हैं ?


             सोडा वाटर की बोतल में कार्बन डाइऑक्साइड गैस उच्च दाब पर भरी रहती है। जब बोतल की कार्क को खोलते हैं, तो दाब कम हो जाता है जिससे जल में घुली कार्बन डाइऑक्साइड तेजी से बुलबुले के रूप में बाहर निकलती है इसी कारण झाग उत्पन्न होते हैं।

Wednesday, March 18, 2015

पीपल की नयी पत्तियां लाल-भूरी जबकि परिपक्व पत्तियां हरी क्यों दिखाई देती हैं ?


                                पीपल के पेड़ की नयी पत्तियां लाल-भूरी दिखाई देती हैं क्योंकि इनमें फायकोजैंथिन तथा फायकोइरिथिन वर्णक होते हैं। लेकिन परिपक्व होने पर यह वर्णक क्लोरोफिल 'ए' तथा क्लोरोफिल 'बी' में बदल जाते हैं। प्रकाश की उपस्थिति में यह परिपक्व पत्तियां हरी दिखाई देती हैं।

Monday, March 16, 2015

क्लोनिंग क्या है ?


                                     'क्लोन' एक जीव (रचना) है जो गैर-यौनिक विधि द्वारा एकल पैरेंट (माता-पिता में से कोई एक) में व्युत्पन्न होता है। क्लोन शारीरिक रूप से नहीं, वरन आनुवांशिक गुणों में भी अपनी मां (या पिता) के समरूप होता है। वास्तव में एक क्लोन अपनी मां का प्रतिरूप होता है जबकि इसके विपरीत सामान्य यौगिक प्रजनन के द्वारा पैदा हुए बच्चे में मां व पिता दोनों के आनुवांशिक गुण समाहित होते हैं।
                                   जिस विधि या तकनीक द्वारा ' क्लोन' पैदा होता है, उसे 'क्लोनिंग तकनीक' कहा जाता है। परम्परागत रूप से क्लोनिंग तकनीक कृषि और बागवानी विशेषज्ञों में काफी प्रचलित रही है। वैसे भी 'क्लोन' शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ 'टहनी' (Twig) होता है।


Friday, March 6, 2015

फोड़ा-फुंसी होने पर बगल में या जांघ के पास गिल्टियाँ क्यों निकल आती हैं ?


                             फोड़ा-फुंसी होने पर जांघ के पास निकली गिल्टियाँ वास्तव में फूली हुई लसिका ग्रन्थियां (Lymph glands) होती हैं जो हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए श्वेत रुधिर कणिकाओं का अधिक संख्या में निर्माण तथा एकत्रित करने हेतु फूलकर बड़ी हो जाती हैं।

चींटी के काटने पर तेज जलन क्यों होती है ?


                                लाल चींटी, बर्र के डंक आदि में फार्मिक अम्ल होता है। चींटी इस फ़ॉर्मिक अम्ल को त्वचा में प्रवेश करा देती है जिससे तेज जलन होती है।