पृथ्वी को अधिकांश ऊष्मा (Heat) सूर्य से विकीर्ण ताप द्वारा प्राप्त होती है। सूर्य से विकीर्ण ताप लघु तरंगों ( Short Waves) द्वारा पृथ्वी को प्राप्त होता है। वायुमंडल सूर्य से विकीर्ण ऊर्जा (Energy) का केवल 14 प्रतिशत प्रत्यक्ष रूप में प्राप्त करता है। वायुमंडल को अधिकांश ताप की प्राप्ति (अप्रत्यक्ष रूप से), पृथ्वी से विकीर्ण ऊर्जा द्वारा प्राप्त होती है, जो कि दीर्घ तरंगों (Long Waves) के रूप में होती है। इस प्रकार पृथ्वी एवं वायुमंडल निरंतर सूर्य से ऊष्मा प्राप्त करते हैं। लेकिन यह उल्लेखनीय है कि फिर भी पृथ्वी तथा वायुमंडल का ऊष्मा भंडार बढ़ता या घटता नहीं, बल्कि सदैव संतुलित रहता है कि इसका तात्पर्य है कि पृथ्वी तथा वायुमंडल जितना ताप प्राप्त करते हैं, उतना ही शून्य में लौट जाता है।
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