उत्तर - भोजन करने के दौरान चबाया हुआ लार में सना भोजन, निवालों के रूप में ग्लाटिस से होते हुए ग्रासनली में पहुंचता है। निवाला निगलते समय अनैच्छिक और प्रतिवर्ती क्रिया के अंतर्गत एपी-ग्लाटिस ग्लाटिस से सट जाता है। परिणामस्वरूप श्वासनली बंद हो जाती है और ग्लाटिस फैलकर निवाले को ग्रासनली में जाने का मार्ग दे देता है। भोजन करते समय बोलने से श्वांस नली में भोजन के कण फंस सकते हैं। इन कणों के द्वारा श्वासनली में उद्दीपन होते ही प्रतिवर्ती क्रिया के अंतर्गत खांसी होने लगती है। भोजन का बड़ा टुकड़ा फंस जाने पर दम भी घुट सकता है।
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